Saturday 4 June 2011

मनु को मिटाने मे तुली है दुनिया


इश्क मे तेरे सताने को तुली है , दुनिया !
                  मुझपे इल्जाम लगाने को तुली है दुनिया !!
करके रुसवा मुझे तेरी मोहब्बत मे !
                   यु तमासा ही बनाने को तुली है दुनिया !!
अब कंहा जाऊ नगर छोड़ के बतला तेरा !
                   आज तूफान उठाने को तुली है दुनिया !!
मैंने कुछ भी न ज़माने का बिगाड़ा लेकिन !
                    खुने नाहक ही बहाने को तुली है दुनिया !!
ले चलू  और कंही दिल मे छिपाकर तुमको !
                      इस जगह तीर चलाने को तुली है दुनिया !!
क्या करू इश्क मे तू बतादे मुझको !
                      मनु को मिटाने मे तुली है दुनिया !! 

3 comments:

  1. आपने जितना अच्छा लिखा है, फ़ोटो उससे भी शानदार लगाया है,

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  2. बहुत सुंदर भाव..... यही होती है दुनिया

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