उसका सोगुना उस पर मेरी सास का दुलार है !!
केद्र और राज्य मै एक ही दल की सरकार है !
और मेरी पत्न्नी मायेके जाती बार बार है !!
सच्च कहू तो मुझे यह बहुत अखरता है !
पर उसका मायके का बुखार नहीं उतरता है !!
इस बार सास ने खुद उसे बुलाया है !
और मुझे अस्न्तुस्ट जैसा लटकाया है !!
आप कहेंगे यह आदमी व्वर्थ ही रोता है !
पत्न्नी के साथ साथ अपना चैन भी खोता है !!
आखीर सास जी कभी तो उसे लोटाएगी !
कोई नया घर तो नहीं बसाएगी !
पर भाई आपको क्या बताऊ इसी बात का तो कलेस है !!
ससुराल से मिला ताज़ा सन्देश है !
की सास जी उससे इस्तीफा दिलवाएगी !
और उसे केंद्र मे मंत्री बनाएगी !!
बहुत खूब
ReplyDeleteकभी मेरे ब्लॉग पर आये
ReplyDeleteआज पता चला , पत्नी के मायके जाने पर पति कितने उदास और चिंतित रहते हैं। ...Smiles... अच्छी लगी कविता।
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