उससे कहदो मुझे सताना छोड़दे !
दूर रहकर मुझे जलना छोडदे !!
या तो करदे इकरार मुझसे मोहबत का !
या गुजरते देख मुझे पलटकर मुस्कुराना छोडदे !!
नाकर मुझसे बात कोई गम नहीं है !
यु सुनकर आवाज़ मेरी झरोके पे आना छोडदे !!
करदे दिल ए बयान जो छुपा रखा है !
यु इशारो मै हाल बताना छोडदे !!
क्या इरादा है तेरा बतादे अब मुझे !
यु दोस्तों को मेरे किसे सुनना छोडदे !!
ना कर याद मुझे बेशक तू !
किताबो पे नाम मेरा लिख कर मिटाना छोडदे !!
खुदा कर सके किसा ए आसन अगर !
या तो तू मेरी होजा या मुझे अपना बताना छोडदे !!
Waah waah.... its really so nice.
ReplyDeleteTHX HUKUM AAP MERE BLOG PER AAYE !
ReplyDeleteखुदा कर सके किसा ए आसन अगर !
ReplyDeleteया तो तू मेरी होजा या मुझे अपना बताना छोडदे !!
यह तो अच्छी धमकी है ...बहुत खूबसूरती से लिखे मन के भाव
आदरनीय संगीता जी धन्यवाद ! कोई अगर प्यार से न समझे तो धमकी देनी ही पड़ती ह !
ReplyDeleteप्यार में प्यार भरी धमकियाँ.....आपकी फोटो से लगता है कि कहीं धरना दिए बैठे हैं जनाब.
ReplyDeleteसुन्दर और बेहतरीन कविता.
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