Saturday, 7 May 2011

AANSUO KI LAKIR


चहरे पे आंशुओ की लकीर बन गई !
                        जो न चाहा था वो तकदीर बन गई !!
हमने तो युही चलाई थी रेत पैर उंगलिया !
                        गोर से देखा तो आपकी तस्वीर बन गई !!

3 comments:

  1. मैं आपके ब्लाग को फालो कर रहा हूँ। आप भी कृपया मेरे ब्लाग "एक्टिवे लाइफ" “आज का आगरा” को फालो करें. धन्यवाद...

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  2. मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं.

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