देख लो ख्वाब मगर खवाब का चर्चा ना करो !
लोग जल जायेगे सूरज की तमना ना करो !!
वक्त का क्या है किसी पल भी बदल सकता है !
हो सके तुम से तो तुम मुझपे भरोसा ना करो !!
अजनबी लगाने लगे खुद तुम्हे अपना वजूद !
अपने दिन रात को तुम अकेला ना करो !!
ख्वाब बच्चो के खिलोने की तरह होते है !
ख्वाब दिखाया ना करो !!
बेखयाली मै कभी उंगलिया जल जाएगी !
गुजरे हुए लम्हों की तरह कुरेदा ना करो !!
HICHAKI
लोग जल जायेगे सूरज की तमना ना करो !!
वक्त का क्या है किसी पल भी बदल सकता है !
हो सके तुम से तो तुम मुझपे भरोसा ना करो !!
अजनबी लगाने लगे खुद तुम्हे अपना वजूद !
अपने दिन रात को तुम अकेला ना करो !!
ख्वाब बच्चो के खिलोने की तरह होते है !
ख्वाब दिखाया ना करो !!
बेखयाली मै कभी उंगलिया जल जाएगी !
गुजरे हुए लम्हों की तरह कुरेदा ना करो !!
HICHAKI
बेखयाली मै कभी उंगलिया जल जाएगी !
ReplyDeleteगुजरे हुए लम्हों की तरह कुरेदा ना करो !!
खूबसूरत रचना
देख लो ख्वाब मगर खवाब का चर्चा ना करो
ReplyDeleteलोग जल जायेगे सूरज की तमना ना करो
सुंदर भावाभिव्यक्ति.
बहुत सुन्दर रचना शेयर करने के लिये बहुत बहुत आभार,
ReplyDeleteयहाँ प्रतिदिन पधारे
ReplyDelete!!आपका स्वागत है!!
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खयाली मै कभी उंगलिया जल जाएगी !
ReplyDeleteगुजरे हुए लम्हों की तरह कुरेदा ना करो !!...गहन और खूबसूरत भाव..
खूबसूरत रचना, अच्छे शब्द
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