अभी ना मुझे दफनाओ यारो मेरे दोसत को
जरा देर से आने की आदत है !
अभी ना डालो मेरे चहरे पे कफ़न उन्हें ये चहरा
देख कर मुस्कराने की आदत है !!
बरक की तरह जिंदगी मै आता जाता कौन है !
शबर मेरा हर घडी आजमाता कौन है !!
हम हँसे ये होसला है हमारा वरना मुरदा शहर मै !
जब हंसी ही जुलम हो हँसता हँसाता कौन है !!
बेवफाई मौत की देखी तो आशीक हो गए !
रूठ जा ऐ जिंदगी तुझे अब मनाता कौन है !!
बहुत खूब .
ReplyDeleteSunder bhav.... prabhvi abhivykti...
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब ।
ReplyDeleteTHX FOR COMMENT
ReplyDeleteबेवफाई मौत की देखी तो आशीक हो गए
ReplyDeleteरूठ जा ऐ जिंदगी तुझे अब मनाता कौन है
बहुत तीखी भावनाएँ हैं एक गंभीर विषय के प्रति. सुंदर.
adranya bhushan ji sukaria
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाव्यक्ति। धन्यवाद|
ReplyDeleteआप सभी का धन्यवाद् आपने अपने कीमती समय मे से कुछ समय मुझे दीया आभार !
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